दिल की दवा के सैंपल फेल…क्या ड्रग कंट्रोलर नवनीत जिम्मेदार…
पांवटा में ZEE LABORAT सहित 7 फार्मा के सैम्पल फेल…
ASOKA TIMES/पांवटा साहिब
पांवटा साहिब की जी लैबोरेट कंपनी निर्मित दिल की दवा निटजो के सैंपल फेल हो गए हैं । यह दवा दिल के मरीजों को एंजाइना जैसी घातक समस्या को कम करने के लिए बनाई जाती है।
मामला सीधे तौर पर आम आदमी की जिंदगी से जुड़ा है आप दवा खा रहे हैं कि आपकी बिमारी नियंत्रण में रहे और कुछ माह बाद पता चले की जो दवा आप का रहे हैं उसके सैंपल फेल हो गए हैं।
पांवटा साहिब में जी लैबोरेट के सैम्पल फेल हुए हैं इस दवा को लेकर केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण द्वारा ड्रग अलर्ट जारी किया गया है यह दवा दिल के मरीजों को चेस्ट पेन और एंजाइना जैसी घातक परेशानियों से बचाने के लिए बनाई जाती है ।
फेल सैम्पल कारण ये भी…
दवा के सैंपल फेल होने मैं सबसे बड़ा कारण घटिया केमिकल और रॉ मैटेरियल रहता है इसका साफ मतलब होता है कि यह दवा उस स्तर की नहीं है कि आपके दिल के खतरों को कम कर सके।
हमेशा की तरह इस बार भी जी-लेबोरेट को प्रदेश दवा नियंत्रक अधिकारी नवनीत मरवाहा ने आदेश जारी किए हैं कि निटजो टेबलेट का बैच नंबर 419 – 1544 बाजार से वापिस मंगवाया जाए।
देखने वाली बात यह है कि जिन मरीजों ने इस दवा का सेवन पिछले लंबे समय से किया है उनके लिए यह बेहद सदमे ओर खतरे वाली बात जरूर है । जब यह दवा दिल के मरीजों में होने वाले खतरे को कम नहीं कर सकती तो मरीज का इस तरह की दवाएं खाने का कोई फायदा नहीं होता नतीजा बिमारी बढ़ जाती है।
प्रदेश दवा नियंत्रक विभाग फिर संदेह के दायरे में…
वहीं दूसरी ओर प्रदेश दवा नियंत्रक विभाग और अधिकारी एक बार फिर संदेह के दायरे में आ गए हैं दरअसल किसी भी सैंपल को बाजार में उतारने से पहले प्रदेश दवा नियंत्रक इसकी लैब में जांच करता है उसके बाद ही उसे बाजार में उतारा जाता है तो फिर यह कैसे संभव है कि प्रदेश दवा नियंत्रक की जांच में जो दवा सही पाई गई वही दवा केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन की जांच में खराब क्वालिटी की पाई जाती है।
आपको बता दें कि सिर्फ बद्दी और पांवटा साहिब में ही जनवरी माह में सात फार्माज़ की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं आखिर यह कैसे संभव है कि प्रदेश दवा नियंत्रक की जांच लैब में यह दवाएं सही पाई जाती हैं और केंद्रीय दवा मानक नियंत्रक की जांच में इन दवाओं के सैंपल फेल हो जाते हैं